काग व मच्छ रेखा की रंग बिरंगी माया
कोई लेख मंदा विधाता न लिखता
आँख दोनों न शुक्र देखे, शनि नज़र का मालिक हो
असर दोनों का यकसां लेते, शनि नंबर एक प्रबल(१) हो
औरत रिज़क से पहले आवे, शनि उत्तम जब अपने घर
शादी मगर जब 25 होवे, दौलत रहे न औरत घर
शुक्र मंदे से मरती माता, बुरा सूरज न होता हो
सात छ्टे घर मंगल 12, पूरी सदी पूत पोता हो
बुध मंदा औलाद हो मंदी, गृहस्त रवि मंदा करता हो
शनि बुरे मंद होंगे साथी, तीनों मंदे सब मरता हो
धरम हालत 8 हो गुरु जैसा, ऊंच शनि मच्छ रेखा हो
तीन छ्टे बुध हो जब बैठा, श्रेष्ठ रेखा सिर होता हो
सात पहले घर शत्रु साथी, रवि आया या पापी हो
शमा इश्क(३) औरत पकड़ी, दमा दिक तपे खांसी हो
२) अगर शनि उम्दा या खाना नंबर 7-10 ख़ाली या इनमें सिर्फ (राहु-केतु-शनीच्चर) पापी और बुध हो तो मच्छ रेखा होगी
३) दो औरतों से एक ही वक्त में बच्चे बनाने पर
- लाल किताब 1952
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