Saturday, 13 December 2014

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फरमान नः 4 आलिम को इल्म में शक क्या है
जन्म वक्त
समा करे नर क्या करे, समा बड़ा बलवान
असर ग्रह सब (1) पर ही होगा, परिंद-पशु-इन्सान
बच्चा गैबी पर्दे से माता के पेट में आया, फिर बन्द हवा से इस दुनिया में पहुंचा तो उसके साथ की दो जहानी हवा उसका सांस हुई । जिसके लेते ही जमाना की दोरंगी चालों के मैदान का लंबा चौड़ा हिसाब किताब खुल गया जिस पर हर बात के दो पहलू होने लगे या यूं कहो कि जन्म का वक्त पता लग जाने से जिंदगी के ख्वाब की ताबीर या हालात , मालूम करने का खाका जन्म कुंडली इल्म ज्योतिश के अनुसार होता हुआ माना गया, मगर शक हुआ कि एक (2) बाप के दो बेटे

इक घर के दोनो भाई, इक शहर दो निवासी, के वतन दोनों साथी, हम उम्र ।

1 जन्म वक्त को बुनियाद् मानकर जिस तरह यह मजमून इंसान के में ताल्लुक के काम देता है हूबहे उसी तरह ही इस इल्म का असर परिन्दे पषु, मकान या दूसरे दुनियावी बहुत अहम जरुरी घटनाओं और कामों के संबंध ताल्लुक में पाया गया है यानि अगर वक्त की पैदाइष के मुताबिक किसी इंसान की जन्म कुंडली उसके हालत से खबर देगी तो उस वक्त पर पैदा हुआ शुदा हैवान या बनाया हुआ मकान ग्रह चाली असर से खाली न होगा ।

2. एक बाप की एक ही औरत से दो जोड़े बच्चे या उसकी भिन्न-भिन्न औरतों से एक वक्त में दो इकठ्ठे पैदा हुए बच्चे -


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