वज़ह किसी हों जब कभी लड़ते, बुध ज़हर आ भरता हो
नतीज़ा वही जो रवि हो टेवे, शनि शक्की-ही होता हो
झगड़ा दोनों का लंबा बढ़ते(१), नीच राहु बद मंगल हो
आग़ वकुवे कीमत कौड़ी, चीजें शनि सब मंदी हो
शनि जलावे ताक़त बदनी, रवि सेहत ज़िस्मानी को
काम उत्तम ज़र चांदी होगा, हालत तालीमी फलता हो
बुध साथी से दोनों उम्दा, असर उत्तम सब करता हो
दुश्मन ग्रहों (शुक्र पापी) के साथ बैठा हुआ सूरज (ख्वाह किसी भी घर में हो) उस साथ बैठे हुए दुश्मन ग्रह(२) की उस ख़ाना के मुतल्लिका अश्या पर बुरा असर देगा | ऐसी हालत में 22 से 45 साला उम्र के दरमियान दुश्मन ग्रह अपनी अपनी मियाद पर बुरा असर देंगे | दुश्मन ग्रह को बज़रिया बुध की पालना नेक कर लेना मुबारक होगा | अगर सूरज के दोस्त (चन्द्र मंगल बृहस्पत) भी साथ ही हों तो दोस्तों की मुतल्लिका अश्या पर मंदा असर होगा, दुश्मन बचा रहेगा |
१) सूरज शनिच्चर मुश्तरका में जब जहाँ और कहीं भी दो में से किसी का फल ख़राब हो तो टेवे में 22 या 36 साला उम्र तक राहु भी मंदा और मंगल बद का असर देगा | इश्क व मोहब्बत या मिटटी की पूजना बहाना होगी | बददियानती से शुक्र बर्बाद होगा |
२) अश्या मुतल्लिका सूरज शनिच्चर पेज नंबर 815 पर दर्ज़ है
- लाल किताब 1952
- ....
- विषय सूची
- ....
- <<< Pre
- लाल किताब 1952 पेज नंबर 813
- Next>>>
0 comments: