भले लोगो को-बुद्धू अहमक हैं कहते
शनि होता न मुन्सिफ दुनिया, बेड़ी ही गर्क थी सब की
साथ साथी या पाप दृष्टि, पापी शनि ख़ुद होता हो
लिखत केतु बुध राहु जैसी, फ़ैसला धरम से करता हो
पहले घरों दुम केतु होते, इच्छाधारी(१) शनि होता हो
उल्ट मगर जब बैठा होवे, अज़हदा खुनी बनता हो
सांप शनि दुम केतु गिनते, मुखड़ा राहु ख़ुद होता हो
ज़ुल्म रवि गर ख़ुफ़िया होते, कत्ल शनि दिन करता हो
- लाल किताब 1952
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- लाल किताब 1952 पेज नंबर 585
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