उलटे वक्त खुद गाँठ आ लगती, लेख लिखता था विधाता जो
मसलन शीशे का बक्स (डिब्बा) हो तो उसके अंदर खाली जगह में भी हवा होगी और उस बक्स के बाहर भी हवा महसूस होगी | गोया बुध का शीशा अँधेरे और रौशनी दोनों को ही अंदर से बाहर और बाहर से अंदर जाहिर होने की इजाजत देगा मगर वह (बुध या शीशा) हवा को बाहर से अंदर या अंदर से बाहर जाने न देगा यही चक्र में डाले रखने की दुश्मनी बृहस्पति से बुध को होगी या बुध के आकाश की खाली जगह में किस्मत को जाहिर (स्पष्ट) करने वाला ग्रह चाली
- लाल किताब 1952
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