ऋण पितृ का ग्रह
ऋण पितृ से मुराद (अर्थ कुंडली वाले पर उसके बुजुर्गो, या अपने बड़ों के पाप) का खुफ़िया (छुपा) प्रभाव होता है यानि गुनाह कोई करे सजा कोई पाये, मगर सज़ा उसकी कोई और भुगते, मगर भुगतेगा जरूर, उस गुनाह करने वाले का असल करीबी ताल्लुकदार (करीब संबंधी) ही।ऋण पितृ उस घर से होगा, असर ग्रह सब निष्फल हो
साथी ग्रह जब जड़ कोई काटे, ऋण पितृ बन जाता हो
5-12-2-9 कोई मंदे, ऋण पितृ बन जाता हो
बुध ग्रह घर दोनों रद्दी, शत्रु मित्र ख्वाह (चाहे) बैठा हो
हाल मंदा न तीन होगा, मिला असर ख्वाह(चाहे) तीसरे हो
बुध मिले ख़ुद टेवे, बदल(१) असर सब देवे वह
1. जन्म कुंडली (टेवे) में जिस ग्रह की जड़ (उसकी अपनी राशि) में उसका दुश्मन ग्रह बैठ कर
- लाल किताब 1952
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