राशी मालिक लेख की होती, या कि होता ग्रह मंडल हो
मिल के कटेगी उम्र सौ दोनों की, कुंडली जन्म ख्वाह चन्द्र हो
घर पहले की उम्र सौ साला, तीन नब्बे दस बारह है
85 उम्र 7वें की लेते, 80 होती घर 6 की है
पौन सदी या 75 साल, गुरु मंदिर घर 2 की है
घर और ग्रह की उम्र जुदा पर, गुजरती दो की इकठ्ठी है
गुरु जगत की उम्र 75, बुध केतु 80 होती है
शुक्र चन्द्र की उम्र 85, शनि-मंगल-राहू 90 है
स्त्री ग्रह जब मिले नरों से, उम्र 96 होती है
साथ मिले जब बुध पापी का, वही 85 होती है
रवि मालिक है पोरी सदी का. उम्र लम्बी उस की होती है
ग्रहण लगे जब चन्द्र रवि को, साल त्रै (तीन) कम होती है
2. बवक्त जन्म कुंडली में चन्द्र के साथ केतु हो चन्द्र ग्रहण और जब सूरज के साथ राहू हो तो सूरज ग्रहण कहेंगे |
- लाल किताब 1952
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