Saturday, 13 December 2014

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राहु और केतु को हथेली पर कोई पक्की जगह अलहदा तौर पर नहीं दी गई लहरों के मालिक हैं |

एक ने इन्सान को सर से पकड़ा और दुसरे ने पाँव से तो खुद बखुद उनको जगह मिल गई और वह बुध (के साथ केतु जो नेकी का मालिक है खाना नंबर 6 पाताल में) और बृहस्पत (के साथ राहु जो बदी का हाकिम है खाना नंबर 12 आसमान में) के साथ तमाम आकाश ब्रह्माण्ड (जो बृहस्पत बुध दोनों मिले जुले का परिणाम हो) में बैठे हों और दुनिया और इस इल्म में पाप के नाम से मशहूर हुए |

ग्रहों का काल समय

अगर एक दिन औसतन 12 घंटे पहले का अरसा हो तो
केतु दिन चढने से दो घंटे पहले का
बृहस्पति दिन निकलने के बाद आठ बजे तक का अरसा
सूरज आठ बजे से दस बजे तक का अरसा
चन्द्र दस बजे से ग्यारह बजे तक का अरसा
शुक्र एक बजे से तीन बजे तक का अरसा
मंगल दिन के ग्यारह बजे से एक बजे तक,
बुध चार बजे से छें बजे तक
शनिच्चर दिन छुपने के बाद जब तक एक भी सितारा निकल पड़े
राहु दिन छुप गया मगर सितारे अभी तक नहीं निकले वह अरसा


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